गौतम बुद्ध के जीवन आदर्शों पर देश को फिर से जगद्गुरु बनाने के ईमानदार प्रयास जरूरी-मायावती

लखनऊ मई : बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष, मायावती ने सत्य, अहिंसा, भाईचारा व मानवता के आदर्श ज्योति को दुनिया भर में फैलाकर भारत को जगदगुरु का सम्मान दिलाने वाले तथागत गौतम बुद्ध को आज उनकी जयन्ती पर शत्-शत् नमन करने के साथ ही देश व दुनिया भर में रहने वाले उनके समस्त अनुयाइयों को ’बुद्ध पूर्णिमा’ की हार्दिक बधाई एवं आतंक व द्वेष आदि से मुक्त सुख व समृद्ध जीवन की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि दूसरों के प्रति दया, करुणा, दानशीलता एवं इन्सानियत को ज़िन्दा बनाये रखना ज़रूरी है, जिसके लिए गौतम बुद्ध ने सब कुछ त्याग कर अपना जीवन समर्पित किया व महामानवतावादी कहलाये और फिर आगे चलकर भारत की दुनिया में इंसानियत का रखवाला देश की सुन्दर छवि बनी।
मायावती ने कहा कि तथागत गौतम बुद्ध, जिन्होेंने सत्य, अहिंसा, भाईचारा व मानवता की आदर्श ज्योति को पूरी दुनिया में फैलाकर भारत को जगद्गुरु का सम्मान दिलाया, उनकी जयन्ती पर ख़ासकर जाति-भेद, हिंसक मनोवृति, द्वेष आदि को जीवन से त्यागने की प्रतिज्ञा को दोहराने का दिन है, क्योंकि इसी से जीवन व देश में सच्ची सुख-शान्ति एवं तरक्की निहित है। इसका मूल परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने देश के संविधान में पूरी तरह से स्थापित किया है, लेकिन इसे देश के आमजीवन में उतारने की जिम्मेदारी को सरकारों द्वारा संकीर्ण स्वार्थ की ख़ातिर लगभग भुला दिया है, जिस कारण आमजन का जीवन सुख-शान्ति व आत्म-सम्मान से दूर त्रस्त एवं काफी दुखी नज़र आता है।
एशिया के ’ज्योति पुंज’ के रूप में माने जाने वाले तथागत गौतम बुद्ध ने भारतीय इतिहास को सत्यपरक ज्ञान से सुशोभित किया तथा उनके अनुयाइयों में सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य व महान सम्राट अशोक ने ’’बहुजन हिताय व बहुजन सुखाय’’ को अपने संविधान के मूल सूत्र के रूप में स्थापित कर सामाजिक क्रान्ति की मज़बूत नींव डाली। ऐसे ही महामानवतावादी गौतम बुद्ध की जयंती बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाई जाती है। उनका ख़ासकर अशिक्षित, उपेक्षित व शोषित समाज के लोगों को अमर उपदेश, ’अप्प दीपो भवः’ है अर्थात शिक्षित बनो, खुद ऊपर उठो व अपना प्रकाश स्वयं बनो जिसका हर दौर से ज्यादा वर्तमान समय में बहुत ज्यादा महत्व है, जो उद्देश्य भारतीय संंिवधान में निहित है और जिसपर बी.एस.पी. अपनी अलग पहचान के साथ लगातार संघर्षरत है अर्थात् बीएसपी अन्य पार्टियों की तरह कागजी गुणगान व कोरी बयानबाजी नहीं करती बल्कि गौतम बुद्ध के मानवीय आदर्शों पर चलकर यहाँ विशाल जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में चार बार अपनी सरकार ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के आदर्श के आधार पर चलाई तथा गौतम बुद्ध के उपदेशों पर चलकर ’समतामूलक समाज व्यवस्था’ स्थापित करने का पूरा-पूरा प्रयास किया।
सभी प्रकार के द्वेष व संकीर्णता आदि को त्याग कर तथागत गौतम बुद्ध के जीवन आदर्शों पर थोड़ा चलकर देश को फिर से जगद्गुरु बनाने के ईमानदार प्रयास जरूरी है, जिसके लिए बी.एस.पी. अपने स्तर पर लगातार प्रयास व संघर्षरत है, किन्तु ऐसे खास सामाजिक व आर्थिक परिवर्तन के मिशन में सरकारों को भी अपनी नीयत व नीति को पाक-साफ और ईमानदार बनाकर कथनी व करनी के अन्तर को पूरी तरह से मिटाना होगा, जो वास्तव में तथागत गौतम बुद्ध को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।